मेरठ रोड पर रखे लावारिस ट्रॉली बैग में एक युवक का शव बरामद, नहीं हुई शिनाख्त
गाजियाबाद। सिहानीगेट थाना क्षेत्र अंतर्गत मेरठ तिराहे के पास रखे एक लावारिस ट्राली बैग से एक युवक का शव बरामद हुआ है। जिससे क्षेत्र में 

सनसनी फैल गई है। पुलिस के मुताबिक, मृतक के हाथ बंधे थे, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई है। शव को शव अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया गया है।

 

बता दें कि जनपद के मेरठ तिराहे के समीप गुरुवार की  सुबह कोई व्यक्ति एक ट्राली बैग रख कर रफ्फूचक्कर हो गया। लेकिन बहुत देर तक उस लावारिश बैग को देख कर आसपास के लोगों को शंका हुई, जिसकी जानकारी  लोगों ने डायल-100 पर पुलिस को दी। खबर है कि किसी अनहोनी की आशंका से पुलिस सक्रिय हो गई। 

 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पहले यह जानकारी मिली थी  कि कोतवाली क्षेत्र में उक्त लावारिस बैग पड़ा है, लेकिन  पुलिस को काफी मशक्कत के बाद भी घटनास्थल नहीं मिला। कुछ देर बाद नए बस अड्डे के आसपास लावारिस बैग के पड़े होने की जानकारी मिली, जो गलत निकली। क्योंकि स्थानीय दरोगा ने आसपास लावारिस बैग ढूंढने की कोशिश की, पर खाली हाथ रहे। इस बीच पुलिस को पता चला कि उक्त लावारिस बैग सिहानी गेट थाना क्षेत्र में है जिससे ततपर पुलिस मौके पर पहुंच गई। 

 

मौका ए बारदात स्थल पर जब पुलिस पहुंची तो पाया कि लावारिस बैग में से तेज बदबू निकल रही थी। जिससे किसी बड़ी अनहोनी की आशंका तो टल गई, लेकिन पुलिस ने जब बैग को खोल कर देखा तो किसी घर का चिराग बुझा हुआ पाया। क्योंकि बैग में से तकरीबन 32 वर्षीय एक युवक का शव निकला, जिसके हाथ बंधे थे और शरीर पर चोटों के निशान मौजूद थे। मृतक ने पैंट- शर्ट पहन रखी थी और संभवतया गला दबा कर किसी ने उसकी हत्या कर दी थी। हालांकि, लाख कोशिशों के बाद भी पुलिस मृतक की शिनाख्त नहीं कर पाई है।

 

सिहानी गेट पुलिस को आशंका है कि मृतक की हत्या  कहीं अन्यत्र की गई थी, जबकि उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए ट्राली बैग में रख कर सुनियोजित रूप से यहां छोड़ दिया गया। इसके पीछे हत्यारों के क्या इरादे हैं, ये तो वही जानें। लेकिन प्रायः हर मोड़ पर खड़ी पुलिस को चकमा देते हुए हत्यारे यहां तक लावारिस बैग के साथ आये और बचकर चले गए, इससे जनपद की चाक चौबंद पुलिस व्यवस्था की पोल खुल रही है। 

 

पुलिस ने आशंका जताई है कि हत्यारे पुलिस का ध्यान बंटाने के लिए युवक की हत्याकर दूसरे थाना क्षेत्र में उसका शव फेंककर फरार हो गए। गौरतलब है कि जनपद में गाहे बगाहे लावारिश शव मिलने के मामले  बढ़ते जा रहे है। लेकिन पुलिस पर आरोप है कि ऐसे शवों की शिनाख्त के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए जाते। पिछले कुछ महीनों के दौरान जनपद में मिले करीब दो दर्जन शवों में से आधे शवों की पहचान ही नहीं हो पाई है। स्वाभाविक है कि अपराधियों के हौसले बढ़ेंगे ही।