हत्यारोपी कलियुगी बेटा गिरफ्तार, कबूला अपना गुनाह







# मां के बैंक खाते में जमा लाखों रुपए को पाने की नीयत से की थी हत्या, पुलिस पड़ताल में खुली पोल 

 

# मसूरी पुलिस ने 65 वर्षीया वृद्ध महिला के सनसनीखेज हत्याकांड का किया खुलासा, एक अभियुक्त गिरफ्तार. 

 

गाजियाबाद। जनपद पुलिस ने लाखों रुपये की लालच में अपने वृद्ध माता के हत्या करने वाले कलियुगी पुत्र को दबोच लिया है। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 

ईंट और खून के छींटे पड़े कपड़े भी जंगल से बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने अभियुक्त को जेल भेज दिया है। इस बात की जानकारी एसपीआरए नीरज कुमार जादौन ने पुलिस लाइन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।

 

श्री जादौन ने बताया कि थाना मसूरी पुलिस ने शुक्रवार को प्रातः 6 बजे मुखबिर खास की सूचना पर वादी अभियुक्त भगत सिंह पुत्र स्व संतराम सिंह नि ग्राम इकला थाना मसूरी जिला गाजियाबाद को उसके घर से गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि अभियुक्त ने पुलिस पूछताछ में अपने जुर्म का इकबाल करते हुए पैसे की लालच में अपनी मां की हत्या ईंट से वार करके करना कबूल किया है। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त ईंट व उसके द्वारा घटना के समय पहनी गयी शर्ट भी पुलिस द्वारा बरामद की गयी है। पुलिस ने अभियुक्त को जेल भेज दिया है। 

 

एसएचओ ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछने पर कहा कि उसने अपने घर पर उपर में दो कमरे बनवाये हैं, परन्तु पैसा न होने के कारण प्लास्तर नहीं हो पाया है। उसकी बड़ी बेटी की शादी भी होनी है। इसलिए उसे पैसे की सख्त जरूरत है। उसे पता था कि उसकी मां के बैंक खाते में 4.5 लाख रुपये पड़े हैं। इसलिए गत 15 अप्रैल को जब अभियुक्त अपनी पत्नी और लड़की के साथ अपना गेहूं काट रहे थे और उसकी मां भी वहीं पास में अपना खेत काट रही थी। 

 

आगे उसने बताया कि सुबह में ही वे सभी घर से गये थे। इसलिए करीब 11 बजे दिन में अपनी पत्नी व लड़की के साथ वापस आ गया। बाद में 2:30 बजे दिन साईकिल से फिर वह खेत पर गया। तब उसने देखा कि मेरी मां खेत पर बने कोठे के पास शीशम के पेड़ के नीचे लोटी हुई थी। उसने उससे 8-10 दिन पहले एक लाख रुपये मकान पर प्लास्तर करने के लिए मांगे थे, तो उसकी मां  ने रुपया देने से मना कर दिया और बोली कि वह अपनी धेवती की शादी में रुपया लगा देगी। तो उसने कहा कि मुझे भी मकान में काम कराना है। मकान ठीक नहीं होगा तो रिश्तेदारों को कहां बैठाएंगे। इस पर मां ने कहा कि, तू कुछ कर मैं रुपया नहीं दूंगी। तुझे जो करना है वो कर।

 

अभियुक्त के मुताबिक, उसी दिन से उसका दिमाग घूम गया था और उसे मारने की फिराक में था। उस दिन मुझे मौका मिल गया। मां  अकेली आंखें बन्द करके सो रही थी, इसलिए उसने वहीं पड़ी ईट उठाकर दो तीन वार उसके सिर पर कर दी, जिससे थोड़ी देर तड़प कर वह मर गयी। फिर वह वापस घर आ गया। शाम पांच-छह बजे उसने अपने छोटे भाई लखपत व प्रदीप को जो कि गांव में मजदूरी पर गेहूं  निकलवा रहे थे, को बताया कि मां गायब हो गई है। उसने मां को मार डालने वाली बात किसी को नहीं बताई थी। फिर हम तीनों भाई दिन छिपे के लगभग खेतों पर गये और चूंकि मुझे जगह मालूम थी, इसलिए उधर को तलाश करने का बहाना करते हुए ले गया और जहां पर मां की  लाश पड़ी थी, वहां पहुंचा दिया। फिर हम तीनों भाई मां  की लाश को घर ले आये। तब आरोपी बेटा चाहता था कि लाश का क्रिया कर्म कर दिया जाये। परन्तु समाज के लोग तैयार नहीं हुए। तब उसने थाने पर आकर मुकदमा लिखवाया। उसने जब मां को ईंट मारी थी तो उसके खून के छीटे मेरी शर्ट पर आ गये थे और वह ईंट जिससे मां की हत्या की, वह टूट गई थी और शर्ट मैंने वही जंगल में छिपा रखा था, जिसे पुलिस द्वारा बरामद कर लिया गया है।