खरगोन साहित्य महोत्सव में पंडित सुरेश नीरव को मिला जीवन कुंवर गौड़ स्मृति सम्मान






खरगोन का यह साहित्य महोत्सव पूरी तरह से पुलवामा के शहीदों को समर्पित कर दिया गया। साहित्य महोत्सव में आये देश के विभिन्न प्रांतों के साहित्यकारों और उपस्थित जन समुदाय ने समवेतरूप से मोमबत्तियां जलाकर सर्वप्रथम शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर एक शाम शहीदों के नाम शीर्षक से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने की। मुख्य अतिथि बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पटना से आए डॉक्टर अनिल सुलभ तथा मुंबई से आए प्रसिध्द मीडियाकर्मी पुरुषोत्तम नारायण सिंह रहे। 

 

इस दाे दिवसीय सर्व भाषा संस्कृति समन्वय समिति के राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में 'आतंकवाद व राष्ट्रीय चेतना' विषय पर विभिन्न वक्ताओं ने व्याख्यान प्रस्तुत किये। राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में सैनिकाें काे समर्पित काव्यांजलि के माध्यम से नमन किया गया। डा० शम्भू सिंह मनहर के कुशल संचालन में आयाेजित कवि सम्मेलन में गजराैला की कवियित्री डा० मधु चतुर्वेदी, गाजियाबाद की कवियित्री श्रीमती मधु मिश्रा, ग्वालियर के कवि श्री राम वरण ओझा, देहरादून से शिक्षा विभाग में कार्यरत संयुक्त निदेशक राकेश जुगरान, पिलखुआ से डा० सतीश वर्धन, दिल्ली से डा० भुवनेश सिंहल, कटनी से प्रकाश प्रलय, गाेगांव से जगदीश जाेशीला, इगरिया से  कृष्ण पाल सिंह, खण्डवा से राजेन्द्र मिश्र, बिहार से डा० अनिल सुलभ तथा मुंबई से डा० पुरषाेत्तम नारायण सिंह एवं अध्यक्षीय कवि पद काे सुशाेभित करते पण्डित सुरेश नीरव के गरिमामय सान्निध्य में श्रीनगर से आए नीरज नैथानी ने रचना पाठ किया।

 

अगले दिन कवि राम वरण ओझा की पुस्तक 'घर घर अक्षर दीप जलाओ' तथा राजीव सिंहल की 'मासूम परिंदे'  व जगदीश जाेशीला की 'अनिलाेप का इतिहास' पुस्तकों का लाेकार्पण किया गया। इसके अतिरिक्त पुस्तक प्रदर्शनी में पंडित सुरेश नीरव के व्यंग्य संग्रह- पलटीमार और टोपी बहादुर, डॉक्टर शंभूसिंह मनहर की पुस्तक उजाले नृत्य करते हैं, राकेश चंद्र जुगराण के काव्य संग्रह 'अंतर्द्धंद्ध' नीरज नैथानी की पुस्तकें 'डाेंगी ' (लघु तथा संग्रह)' हिम प्रभा' (पर्यावरणीय रचनाओं का संकलन), 'विविधा' ( व्यंग्य संग्रह), 'हिमालय पथ पर' (पथाराेहण संस्मरण) का प्रदर्शन किया गया।

 

समापन समाराेह में प्रतिभागियाें काे संस्कृति समन्वय सम्मान 2019' अलंकरण प्रदान किया गये। तत्पश्चात समस्त उपस्थित साहित्यकार आए एवं श्रोताओं ने राष्ट्र गान के समवेत गायन के साथ पुलवामा के शहीदाें काे श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

नई दिल्ली। अखिल भारतीय सर्व भाषा संस्कृति समन्वय समिति के खरगोन में संपन्न हुए दशम राष्ट्रीय अधिवेशन के संयोजक डॉक्टर शंभूसिंह मनहर ने बताया है कि  पंडित सुरेश नीरव को उनके बहुमुखी रचनात्मक अवदान, ध्येयनिष्ट पत्रकारिता के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्यों एवं नियमित स्तंभ लेखन के लिए  निमाड़ क्षेत्र की प्रतिष्ठित समासेविका की स्मृति में दिये जानेवाले स्वर्गीय जीवन कुंवर गौड़ स्मृति सम्मान से अलंकृत किया गया। 

 

उल्लेखनीय है कि पंडित सुरेश नीरव देश की सर्वाधिक लोकप्रिय एवं स्तरीय साहित्यिक पत्रिका कादम्बिनी के मुख्य कॉपी संपादक रहे हैं। और अनेक देशों में हिंदी का प्रतिनिधित्व कर चुके इस कवि के रचनात्मक खाते में बाईस पुस्तकें  दर्ज है। राष्ट्रपति भवन और भारत के संसद में अनेक बार काव्य पाठ कर चुके पंडित सुरेश नीरव को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा मीडिया इंटरनेशनल एवार्ड तथा सुलभ साहित्य अकादमी के पांच लाख रुपये के सुलभ श्रेष्ठ साहित्यिकार सम्मान से भी अलंकृत किया जा चुका है। वर्तमान में आप अनेक समाचार पत्रों के स्तंभ लेखक होने के साथ देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।